योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन : साइना को हराकर बनसोड क्वार्टर फाइनल में, चालिहा, कश्यप तथा सिंधु भी अंतिम-8 में
नई दिल्ली: मालविका बनसोड 2017 के बाद से किसी भी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में पूर्व विश्व नंबर-1 साइना नेहवाल को हराने वाली दूसरी भारतीय बनीं, जबकि अश्मिता चालिहा ने अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखते हुए गुरुवार को फ्रांस की येले होयॉक्स को हराकर योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन 2022 के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश कर लिया है।
बनसोड ने चौथी सीड साइना को 21-17, 21-9 से हराया
केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में जारी योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन 2022, एचएसबीसी बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर टूर्नामेंट सीरीज का हिस्सा है।
बनसोड ने नेहवाल को 34 मिनट में 21-17, 21-9 से हराया जबकि चालिहा ने होयॉक्स को 21-17, 21-14 से पराजित किया। साथ ही शीर्ष वरीयता प्राप्त पीवी सिंधु और आकर्षी कश्यप भी अंतिम-8 दौर में पहुंचने में सफल रही हैं।
बनसोड ने नेहवाल को 34 मिनट में 21-17, 21-9 से हराया जबकि चालिहा ने होयॉक्स को 21-17, 21-14 से पराजित किया। साथ ही शीर्ष वरीयता प्राप्त पीवी सिंधु और आकर्षी कश्यप भी अंतिम-8 दौर में पहुंचने में सफल रही हैं।
सिंधु ने भारत की ही इरा शर्मा को 21-10, 21-10 से हराया जबकि कश्यप ने केयूरा मोपाती को इसी स्कोर से हराया। आज के मैच से पहले, इंडिया ओपन में एक भारतीय प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ नेहवाल की एकमात्र हार 2017 में पीवी सिंधु के खिलाफ क्वार्टर फाइनल में थी।
घरेलू सर्किट पर उन्हें पंद्रह साल पहले बैंगलोर में आयोजित नेशनल चैम्पियनशिप में अपर्णा पोपट ने हराया था। पोपट 2006 में साइना को घरेलू सर्किट में हराने वाली पहली खिलाड़ी बनी थीं।
भले ही नेहवाल शारीरिक रूप से सर्वश्रेष्ठ स्थिति में नहीं थीं और अभी भी इस टूर्नामेंट में घुटने की गंभीर चोट से उबर रही हैं, बनसोड को उनके खिलाफ आसान जीत नहीं मिलने वाली थी क्योंकि अनुभवी पूर्व चैंपियन हर स्थिति में लड़ने और जीतने के लिए तैयार थीं।
भले ही नेहवाल शारीरिक रूप से सर्वश्रेष्ठ स्थिति में नहीं थीं और अभी भी इस टूर्नामेंट में घुटने की गंभीर चोट से उबर रही हैं, बनसोड को उनके खिलाफ आसान जीत नहीं मिलने वाली थी क्योंकि अनुभवी पूर्व चैंपियन हर स्थिति में लड़ने और जीतने के लिए तैयार थीं।
नेहवाल की लाइन स्मैश को बेहतरीन ढंग से हिट करने की क्षमता का मुकाबला करने के लिए बनसोड ने अधिक से अधिक ड्रॉप्स के साथ मुकाबला शुरू किया। इससे उन्हें शुरुआती गेम में 11-6 की बढ़त बनाने में मदद मिली।
बनसोड के दबाव में, साइना ने फिर खुद को फोरहैंड कॉर्नर पर बेहतर करने का प्रयास शुरू किया और इस प्रयास में उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वी को बैक कोर्ट में धकेल दिया। इसने साइना को 16-18 के अंतर को कम करने में मदद मिली।
हालांकि इसके बाद उनसे स्मैश पर दो बेजां गलतियां हुईं और इसने बनसोड को पहला गेम जीतने में मदद की।
दुनिया की 111 नंबर की खिलाड़ी, जो अपनी हॉबी के रूप में पम्पलेट से लेकर किताब तक कुछ भी पढ़ना पसंद करती है, ने बैक कोर्ट पर नेहवाल की गेम प्लान को भी अच्छी तरह से पढ़ा और अपने प्रतिद्वंद्वी को कोर्ट के चारों कोनों में ले जाती रहीं और उसकी फिटनेस का भरपूर टेस्ट लिया।
नेहवाल बनसोड की सपाट टॉसेज पर देरी से रिस्पांस कर रही थीं और इसी कारण वह दूसरे गेम में बिल्कुल भी लड़ाई की स्थिति में नहीं दिखीं। बनसोड ने मैच के बाद कहा,“मैं पहली बार उनके खिलाफ खेल रही थी। मैं जीतने या हारने के बारे में नहीं सोच रही थी। मेरा प्लान सिर्फ शटल को खेल में बनाए रखने और साइना को व्यस्त रखने की थी। ”
नौ साल पहले एक राज्य स्तरीय टूर्नामेंट के दौरान पहली बार साइना के पोस्टर देखने के बाद से ही के उनके करियर का अनुसरण कर रही 20 वर्षीय बनसोड ने कहा कि उन्होंने पूरे मैच के दौरान अपनी वरिष्ठ हमवतन का चेहरा नहीं देखने का फैसला किया क्योंकि उन्हें फोकस खोने का डर था।
अपने पहले योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन में खेल रही बनसोड का सामना अब अगले दौर में कश्यप से होगा। इससे पहले पिछले महीने हैदराबाद में आयोजित अखिल भारतीय सीनियर रैंकिंग टूर्नामेंट के फाइनल दोनों की भिड़ंत हुई थी।
बनसोड ने जहां गुरुवार को अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की, वहीं एक शांत और संयमित चालिहा अपनी फ्रांसीसी विरोधी होयॉक्स के लिए काफी मजबूत साबित हुई। फ्रांसीसी महिला ने हालांकि मैच में अच्छी शुरुआत करते हुए पहले 15-11 की बढ़त ले ली थी लेकिन इसके बाद चालिहा ने शानदार वापसी की।
चालिहा ने गेम पॉइंट तक पहुंचने के लिए नौ लगातार अंक जीते। गुवाहाटी की यह लड़की दूसरे गेम में पूरी तरह से नियंत्रित और इसी की बदौलत उसने जीत हासिल की। अगले दौर में अब चालिहा का सामना सिंधु से होगा। हालांकि वह जानती हैं कि वह पूर्व विश्व चैंपियन के खिलाफ वह कहीं नहीं ठहरेंगी लेकिन बावजूद इसके 22 साल की चालिहा कोर्ट पर जाकर मुकाबले का लुत्फ लेना चाहती हैं।
दिन के अन्य मैचों में, पुरुष एकल विश्व चैंपियन लोह कीन यू ने जू वेन सूंग को 21-12, 21-12 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। अगले दौर में उनका सामना मलेशिया के एनजी त्जे योंग से होगा। महिला एकल के एक अन्य प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में, सिंगापुर की तीसरी वरीयता प्राप्त जिया मिन येओ ने भारत की अनुपमा उपाध्याय को 13-21, 21-17, 21-12 से हराया जबकि अमेरिका की लॉरेन लैम ने भारत की ही तान्या हेमंत को 21-18, 21-11 से हराया।
लक्ष्य सेन ने भी स्वीडन के फेलिक्स ब्यूरस्टेड को 21-12, 21-15 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। कल उनका सामना अपने ही देश के एचएस प्रणय से होगा। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी भी जीत हासिल करने में सफल रही। इस अनुभवी जोड़ी ने अपने ही देश के श्याम प्रसाद और एस.सुंजीत को 21-9, 21-18 से हराया।
दुनिया की 111 नंबर की खिलाड़ी, जो अपनी हॉबी के रूप में पम्पलेट से लेकर किताब तक कुछ भी पढ़ना पसंद करती है, ने बैक कोर्ट पर नेहवाल की गेम प्लान को भी अच्छी तरह से पढ़ा और अपने प्रतिद्वंद्वी को कोर्ट के चारों कोनों में ले जाती रहीं और उसकी फिटनेस का भरपूर टेस्ट लिया।
नेहवाल बनसोड की सपाट टॉसेज पर देरी से रिस्पांस कर रही थीं और इसी कारण वह दूसरे गेम में बिल्कुल भी लड़ाई की स्थिति में नहीं दिखीं। बनसोड ने मैच के बाद कहा,“मैं पहली बार उनके खिलाफ खेल रही थी। मैं जीतने या हारने के बारे में नहीं सोच रही थी। मेरा प्लान सिर्फ शटल को खेल में बनाए रखने और साइना को व्यस्त रखने की थी। ”
नौ साल पहले एक राज्य स्तरीय टूर्नामेंट के दौरान पहली बार साइना के पोस्टर देखने के बाद से ही के उनके करियर का अनुसरण कर रही 20 वर्षीय बनसोड ने कहा कि उन्होंने पूरे मैच के दौरान अपनी वरिष्ठ हमवतन का चेहरा नहीं देखने का फैसला किया क्योंकि उन्हें फोकस खोने का डर था।
अपने पहले योनेक्स-सनराइज इंडिया ओपन में खेल रही बनसोड का सामना अब अगले दौर में कश्यप से होगा। इससे पहले पिछले महीने हैदराबाद में आयोजित अखिल भारतीय सीनियर रैंकिंग टूर्नामेंट के फाइनल दोनों की भिड़ंत हुई थी।
बनसोड ने जहां गुरुवार को अपने करियर की सबसे बड़ी जीत दर्ज की, वहीं एक शांत और संयमित चालिहा अपनी फ्रांसीसी विरोधी होयॉक्स के लिए काफी मजबूत साबित हुई। फ्रांसीसी महिला ने हालांकि मैच में अच्छी शुरुआत करते हुए पहले 15-11 की बढ़त ले ली थी लेकिन इसके बाद चालिहा ने शानदार वापसी की।
चालिहा ने गेम पॉइंट तक पहुंचने के लिए नौ लगातार अंक जीते। गुवाहाटी की यह लड़की दूसरे गेम में पूरी तरह से नियंत्रित और इसी की बदौलत उसने जीत हासिल की। अगले दौर में अब चालिहा का सामना सिंधु से होगा। हालांकि वह जानती हैं कि वह पूर्व विश्व चैंपियन के खिलाफ वह कहीं नहीं ठहरेंगी लेकिन बावजूद इसके 22 साल की चालिहा कोर्ट पर जाकर मुकाबले का लुत्फ लेना चाहती हैं।
दिन के अन्य मैचों में, पुरुष एकल विश्व चैंपियन लोह कीन यू ने जू वेन सूंग को 21-12, 21-12 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। अगले दौर में उनका सामना मलेशिया के एनजी त्जे योंग से होगा। महिला एकल के एक अन्य प्री-क्वार्टर फाइनल मुकाबले में, सिंगापुर की तीसरी वरीयता प्राप्त जिया मिन येओ ने भारत की अनुपमा उपाध्याय को 13-21, 21-17, 21-12 से हराया जबकि अमेरिका की लॉरेन लैम ने भारत की ही तान्या हेमंत को 21-18, 21-11 से हराया।
लक्ष्य सेन ने भी स्वीडन के फेलिक्स ब्यूरस्टेड को 21-12, 21-15 से हराकर क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया। कल उनका सामना अपने ही देश के एचएस प्रणय से होगा। सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी भी जीत हासिल करने में सफल रही। इस अनुभवी जोड़ी ने अपने ही देश के श्याम प्रसाद और एस.सुंजीत को 21-9, 21-18 से हराया।
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